आशा (Accredited Social Health Activist) कार्यकर्ता भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल है। ये कार्यकर्ता ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार और महिलाओं, बच्चों, और समुदाय के अन्य सदस्यों के स्वास्थ्य सुधार में अहम भूमिका निभाते हैं।
आशा कार्यकर्ता बनने की पात्रता
- आयु: आवेदक की उम्र 25 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- शिक्षा: कम से कम 8वीं पास होना चाहिए, हालांकि यह मानदंड विभिन्न राज्यों में भिन्न हो सकता है।
- स्थानीय निवासी: आवेदक को उसी गाँव या समुदाय का निवासी होना चाहिए जहां वे आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहते हैं।
चयन प्रक्रिया
- आवेदन: इच्छुक उम्मीदवारों को संबंधित ग्राम पंचायत या स्वास्थ्य विभाग में आवेदन करना होता है।
- साक्षात्कार: आवेदनों की समीक्षा के बाद, उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जिसमें उनकी योग्यता और समुदाय के प्रति समर्पण की जाँच की जाती है।
- चयन: चयन समिति द्वारा साक्षात्कार और मूल्यांकन के बाद, योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।
प्रशिक्षण
चयनित आशा कार्यकर्ताओं को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है,
जिसमें शामिल हैं:
- बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल: प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, पोषण, स्वच्छता, और संक्रामक रोगों की रोकथाम।
- मातृ और शिशु स्वास्थ्य: गर्भावस्था, प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल, टीकाकरण, और शिशु स्वास्थ्य।
- समुदाय में संवाद: स्वास्थ्य शिक्षा और समुदाय के साथ संचार कौशल।
कर्तव्य और जिम्मेदारियाँ
- स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार और शिक्षा: स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और शिक्षा प्रदान करना।
- मातृ और शिशु स्वास्थ्य देखभाल: गर्भवती महिलाओं की देखभाल, प्रसव पूर्व जाँच, और टीकाकरण।
- रोग निगरानी और नियंत्रण: संक्रामक रोगों की निगरानी और रोकथाम।
- समुदाय के साथ संचार: स्वास्थ्य शिक्षा और संवाद स्थापित करना।
निष्कर्ष
आशा कार्यकर्ता भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जो ग्रामीण समुदायों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहित करने और सुधारने में मदद करते हैं। आशा कार्यकर्ता बनने की प्रक्रिया इच्छुक व्यक्तियों को समाज के प्रति योगदान देने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है, साथ ही व्यक्तिगत विकास और संतुष्टि का मार्ग प्रशस्त करती है।